By 121 News
Chandigarh 24th September:-जैसेपकेहुएफलमेंतीनपहचानहोतीहैएकवहनर्महोजाताहैदुसरावहमीठाहोजाताहैतीसराउसकारंगबदलजाताहैजिसमेंयहतीनोंलक्षणनहीहोतेहेैवहपक्काहुआनहीहोताइसीप्रकारपरिपक्वव्यक्तिकीभीतीनपहचानहोतीहैपहलीउसमेंनम्रताहोतीहैदुसराउसकीवाणीमेंमिठास होताहैतीसराउसकेचेहरेपरआत्मविश्वासहोताहै।यहप्रवचनधनासकीअमनकॉलोनीस्थितप्राचीनशिवकालीमातामंदिरमेंआयोजितश्रीमद्भागवत्सप्ताहकथाज्ञानयज्ञमेंकथाव्यासपरम्पूज्यनीयआचार्यतिलकमणीशास्त्रीजीमहाराजनेउपस्थितश्रद्धालुओंकोप्रवचनदिये।
कथाव्यासपरम्पूज्यनीयआचार्यतिलकमणीशास्त्रीजीमहाराजनेश्रद्धालुओंकीकथामेंकालियानागकीकथा, इंद्रकेअभिमानकोखत्मकरनेकेलिएभगवाननेअपनीकनिष्ठकाउंगलीकेनाखूनपरगोवर्धनपर्वतकाउठानेकीकथा, महारासलीलाकीकथा, अपनेमामाकंंसकाउद्धार, भगवानकागुरूकुलप्रवेश, जरासंधकावध, द्वारिकाकानिर्माणतथारक्मणीकेविवाहकाप्रसंगवकथाकाश्रवणकरवाया।उन्होंनेबतायाकिभगवानउसव्यक्तिकोधारणकरतेहैंजिसकेअंदरछलकपटद्वेषभाव, पाखंडनहोजोअंदरसेबिल्कुलखालीहो।
उन्होंनेबतायाकिवेदोंपुराणोंमेंसबसेबड़ाधर्मसत्यहै, पांडवोंकेसाथसत्यधर्मथाक्योंकियुधिष्ठरधर्मरूप, भीमबलकेरूपमें, अर्जुनआत्माकेरूपमें, नकुलज्ञान,सहदेवरूपमेंतथाद्रोपदी दयारूपमेंथी।इससंदर्भमेंधर्मकेसाथसत्यरहेगातोजीवनसफलहै, बलकाप्रयोगधर्ममेंकियाजायेतोजीवनसफलहै, आत्माकाकल्याणधर्मसेहीहोताहै,ज्ञानधर्मकेलिएकियाजाएतोजीवनसफलहैऔररूपकाप्रयोगधर्मकेरूपमेंहोतोजीवनसफलहै।
इसअवसरपरकथाव्यासआचार्यतिलकमणीशास्त्रीजीमहाराजद्वाराभजनगायागयाजिसमेंश्रद्धालुमंत्रमुग्धहोकरझूमउठे।