By 121 News
Chandigarh 28th May:-इससमयग्रहकीदशाकेअनुसारगुरुचंडालयोगचलरहाहै।इसयोगमेंशिक्षकोंएवंगुरुओंपरभारीसमस्याऐंआतीहै।यांयुभीकहसकतेहैकियहयोग शिक्षकोंएंवगुरुओंपरभारीहोताहै।यहकहनाहैज्योतिषीप्रमोदअग्रवालका।प्रमोदअग्रवालनेयहशब्दअपनेआफिसमेंज्योतिषकेबारेमेंबतातेहुएकहे।उन्होनेंआगेकहामंगलशनियुतिराजनीतिश्रेत्रमेंउथलपुथलकामाहौलपैदाकरतीहै।
प्रमोदअग्रवालपिछलेपंह्रहसालोंसेज्योतिषकाअध्ययनकररहेहै।इसकेलिएउन्होनेंराजुपरासेअपनेगुरुओस्व. संजयचोपड़ाजीराजपुरावालेऔररामेश्वरकुमारजीसरहिंदवालोंसेशिक्षाप्राप्तकी।परंतुपिछलेतीनसालसेवोसमाजसेवाकेलिएलोगोंकोअपनीविद्यासेलाभांवितकररहेहै। अबउन्होनेंअपनाजीवनज्योतिषकोसमर्पितकरदियाहै।इसक्रममेंउन्होनेंएनएसीकेएससीओ 842 केप्रथमतलपरएस्ट्रोकेयरनामसेज्योतिषकार्यालयशुरूकियाहै।
प्रमोदअग्रवालनेआगेबतायाकिवोलालकिताबऔरवैदिक दोनोंहीप्रकारसेअपनेयजमानोंकेउपायकरवातेहै।इसकेचलतेहजारोंलोगउनकीविद्यासेफायदाउठाचुकेहै।उन्होनेंबतायाकिज्योतिषलोगोंकोकष्ठसेनिवारणदिलवानेकेलिएउपयोगीसाबितहोताहै।परंतुकर्मोकेहिसाबसेलोगोंफलजरूरमिलताहै।
उन्होनेंआगेबतायाकिलालकिताबकेउपायपारंपरिकज्योतिषउपायोंसेभिन्नहै।वैदिकउपायथोडेखर्चीलेदीर्घकालिकऔरपरिश्रमवालेहै , जिनमेंधनराशिज्यादालगतीहै।वहींलालकिताबकेउपायआसानकमखर्चीलेऔरकमसमयमेंहोजातेहै।जोकिआजकेव्यस्तजीवनमेंसंभवहै।ज्योतिषकेमूलरूपसेदोभागहैं।इनमेंसेएकहैसिद्धांतऔरदूसराहैफलित।सिद्धांतपक्षमेंज्योतिषकावहभागहैजोखगोलीयगणनाओंसेसंबंधितहैऔरइनगणनाओंमेंसेज्योतिषकेउपयोगमेंआनेवालीगणनाओंकाइस्तेमालकियागयाहै।जैसेकिआकाशको 360 डिग्रीमेंबांटकरउसका 12 बराबरभागोंमेंविभाजन, नक्षत्रोंकीस्थिति, ग्रहोंकीगतिऔरग्रहणजैसीघटनाएं।आकशीयघटनाओंकीपुख्ताजानकारीमिलनेकेबादउनकामानवजीवनपरअसरकेबारेमेंअध्ययनज्योतिषकाफलितहिस्साहै।
प्राचीनयावैदिककहीजानेवालीभारतीयफलितज्योतिषमेंउपचारोंकेलिएदान, जप,तपऔरपूजनकाप्रावधानदियागयाथा।यहकमोबेशग्रहोंकीस्थितिकेकारणबनरहीखराबस्थितियोंकेलिएप्रायश्चितकीतरहथा, लेकिनउपयोगीथाऔरलालकिताबनेउपायोंकीएकनईश्रंखलाकीशुरूआतकी।जोकिमितव्ययीसुगमऔरकमसमयमेंहोनेवालेऔरआजकीव्यस्तजीवनश्रंखलाकेअनुसारआसानहै।जिसकेहरकोईआसानीसेकरसकताहै।यहांदोनोंविद्याओंलालकिताबऔरवैद्धिकद्वाराआदिदैहिक,आदिभौत्तिकऔरअध्यात्मिकमानसिकहरसमस्याओंकासमाधानहोताहै।दोनोंविद्याऐंअपनेआपमेंसंपूर्णहैइसमेंकोईभीशकयासंदेहनहीहै।