By 121 News
Chandigarh 20th February:-मन्त्रोंमेंज्ञानकीशक्तिहोतीहै।मनअनेकविशेषताओं , अवस्थाओं, औरशक्तियोंकेकारणअनेकनामरखताहै।उपरोक्तशब्द केंद्रीयआर्यसभाद्वाराआयोजितमहर्षिदयानंदजन्मउत्सवकार्यक्रमकेदौरानआचार्यविष्णुमित्रवेदार्थीनेकहे।उन्होंनेकहाकिजबमनदेवोंसेजुड़जाताहसितोउसेदेवमनकहतेहैं।देवपाँचज्ञानेन्द्रियाँहैं।मनकाइंद्रियोंसेजुड़नाजरूरीहै।जबमनपांचकर्मेंद्रियोंसेजुड़जाताहैतबमनयक्षमनकहलाताहै।यक्षमनपूज्यहै।मनकेजिसकोनेपरप्रकाशहैवहप्रज्ञानअर्थातबुद्धिहै।
आचार्यविष्णुमित्रवेदार्थीनेप्रवचनकेदौरानबतायाकिचितमेंसारीघटनाएं संचितहोतीहैं।उन्होंनेकहाकिचितऐसाजलाशयहैजिसमेंघटनाएंरूपीजंतुऊपरआतेरहतेहैं।हमेंचितसेस्वाध्यायकरनाचाहिए।इससम्पतिकोकोईचुरानहींसकताहै।जोमनुष्यमनकीशक्तियोंकोसांसारिकविषयोंमेंविखेरकररखताहै।वहमनकीताकतकोपहचाननहींसकता।शक्तिकोकेंद्रितकरमनुष्यअसम्भवकोसंभवबनासकताहै। चिततोव्यापकहै।महर्षिदयानंदनेभगवानकाउज्जवलप्रकाशकोप्राप्तकरनेकालक्ष्यबनाया।वेदईश्वरीयवाणीहै।इसमेंप्रत्यक्षऔरपरोक्षविषयकाज्ञानहै।इससेपूर्वकल्याणदेववेदीनेमधुरभजनोंसेउपस्थितआर्यजनोंको आत्मविभोरकरदिया।